धारा यूएपीए (UAPA Act)

 

धारा यूएपीए क्या है (What is UAPA Act)?

यूएपीए की धारा 15 आतंकी गतिविधि को परिभाषित करती है। इस धारा के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा या संप्रभुता को धमकी देने या धमकी देने की आशंका के इरादे से, या भारत में या किसी अन्य देश में भारतीयों या किसी भी वर्ग में आतंक फैलाने के इरादे से या आतंक फैलाने की आशंका के साथ कोई कार्य करता है, वह आतंकी गतिविधि में शामिल माना जाएगा।

इस धारा के तहत, आतंकी गतिविधि के लिए सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास या दस साल से कम नहीं और आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। अगर आतंकी गतिविधि में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास होगी।

यूएपीए की धारा 15 के तहत आतंकी गतिविधि के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:

  • किसी भी सरकारी कार्यालय या सार्वजनिक स्थान पर हमला करना
  • किसी भी व्यक्ति या समूह को आतंकित करने के लिए किसी भी प्रकार के हथियारों या विस्फोटक पदार्थों का उपयोग करना
  • किसी भी नागरिक या विदेशी व्यक्ति को मारना या घायल करना
  • किसी भी प्रकार के विस्फोटकों या जहरीले पदार्थों का उपयोग करके सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाना
  • किसी भी प्रकार के आतंकवादी संगठन की स्थापना या संचालन करना

यूएपीए की धारा 15 एक व्यापक धारा है जो आतंकवादी गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करती है। इस धारा का उपयोग आतंकवाद को रोकने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए किया जाता है।

यूएपीए की धारा 15 के तहत, सरकार को आतंकवादी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारों में शामिल हैं:

  • किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार
  • किसी भी व्यक्ति के घर, कार्यालय या अन्य परिसरों की तलाशी लेने का अधिकार
  • किसी भी व्यक्ति की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार
  • किसी भी व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में रखने का अधिकार

यूएपीए की धारा 15 को लेकर कई विवाद हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह धारा बहुत व्यापक है और इसे संशोधित करने की आवश्यकता है। उनका तर्क है कि इस धारा का उपयोग सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए किया जा सकता है।

दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि यूएपीए की धारा 15 एक आवश्यक कानून है जो आतंकवाद को रोकने में मदद करता है। उनका तर्क है कि इस धारा के व्यापक अधिकारों की आवश्यकता है ताकि सरकार आतंकवादियों को पकड़ सके और उन्हें दंडित कर सके।

यूएपीए (यूनिफाइड अखिल भारतीय स्थानीय व्यवस्था) कानून का आरंभ 2004 में हुआ था। यह कानून भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम था और इसका उद्देश्य आतंकवाद और उससे जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना था।

"यूएपीए" का शाब्दिक अर्थ "एकता और सांगठन" (Unity and Organization) है, और यह एक भारतीय कानून है जो सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर रखा गया है। यूएपीए का मुख्य उद्देश्य भारत की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करना है।


यूएपीए की धारा 1 में यह बताया गया है कि यह एक संघ कानून है जिसका उद्देश्य भारत की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करना है। इसके तहत, राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच समझौता हो सकता है जो उनकी सांघिक समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है।


यूएपीए एक ऐसा कानून है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच समझौता करने और समस्याओं का समाधान करने के लिए बनाया गया है, ताकि राष्ट्र की एकता बनी रहे और सभी राज्यों के बीच सहयोग और समर्थन का माहौल बना रहे।

यूएपीए के बारे में मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:


यूएपीए संशोधन 2019

सरकार ने 2019 में यूएपीए कानून में संशोधन किया। इस संशोधन में यूएपीए की धारा 15 में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इनमें से कुछ बदलाव निम्नलिखित हैं:

  • आतंकवादी गतिविधि की परिभाषा को व्यापक किया गया है। अब, कोई भी व्यक्ति जो भारत की संप्रभुता या सार्वभौमिकता को खतरे में डालने के इरादे से कोई कार्य करता है, उसे आतंकवादी माना जाएगा।
  • आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। अब, सरकार किसी व्यक्ति को बिना किसी सुनवाई के आतंकवादी घोषित कर सकती है।
  • आतंकवादी गतिविधियों के लिए सजा को बढ़ा दिया गया है। अब, आतंकवादी गतिविधि के लिए सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास या दस साल से कम नहीं और आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

यूएपीए संशोधन 2019 की आलोचना

यूएपीए संशोधन 2019 की कई लोगों ने आलोचना की है। आलोचकों का तर्क है कि यह संशोधन बहुत व्यापक है और इसे राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका कहना है कि इस संशोधन के कारण, सरकार बिना किसी सबूत के किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर सकती है और उसे लंबी अवधि तक हिरासत में रख सकती है।

यूएपीए संशोधन 2019 के पक्ष में तर्क

यूएपीए संशोधन 2019 के समर्थकों का तर्क है कि यह संशोधन आतंकवाद को रोकने में मदद करेगा। उनका कहना है कि इस संशोधन के व्यापक अधिकारों की आवश्यकता है ताकि सरकार आतंकवादियों को पकड़ सके और उन्हें दंडित कर सके।

अंततः, यह निर्णय करना कि यूएपीए संशोधन 2019 सही है या नहीं, एक जटिल मुद्दा है। इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों के तर्कों को ध्यान से सुनने और समझने की आवश्यकता है।



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